संक्षिप्त प्रोफाइल
चंद्रभूषण शर्मा, पीएचडी (हल्ल, युनाइटेड किंग्डेम)
अध्यहक्ष, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, नोएडा,
भारत
शिक्षा के आचार्य, शिक्षा संकाय, इंदिरा गांधी राष्ट्री य मुक्त
विश्वडविद्यालय, नई दिल्ली - 110068
ई-मेल : cbsharma01@gmail.com, cbsharma@nios.ac.in
डॉ. चंद्रभूषण शर्मा, अध्यक्ष, शिक्षा के आचार्य हैं और शिक्षा
संकाय, इंदिरा गांधी राष्ट्री य मुक्तस विश्व विद्यालय, नई दिल्लीा से
प्रतिनियुक्ति पर हैं। वे हाल ही में, भारतीय दूरस्थं शिक्षा परिषद्
अधिनियम 2015 का मसौदा बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा गठित एक तीन
सदस्यों की समिति के सदस्यब बने हैं जिसे संसद में रखा जाना है। यह
अधिनियम भारत में दूरस्थष शिक्षा का भविष्यि तय करेगा। वे
मा.सं.वि.मं.-इग्नूि की एक परियोजना सर्वशिक्षा अभियान (डीईपी-एसएसए)
के दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम के निदेशक रहे हैं। डीईपी-एसएसए मानव
संसाधन विकास मंत्रालय (मा.सं.वि.मं.) भारत सरकार की एक राष्ट्री य
परियोजना थी। इस परियोजना ने प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता. बढ़ाने के
लिए सभी भारतीय राज्योंर को मास्टार प्रशिक्षक तैयार करने में सहायता
दी। इन्हों ने लगभग 25 वर्षों तक मुक्तभ एवं दूरस्थन शिक्षा (ओडीएल)
प्रणाली में कार्य किया। ओडीएल में कार्य करने से पहले इन्होंाने
जवाहरलाल नेहरु विश्वरविद्यालय (जेएनयू), नई दिल्लीत में शिक्षण भी
किया। ये विभिन्ने ओडीएल के साथ-साथ पारंपरिक संस्थादओं के विभिन्नष
सांविधिक निकायों (शैक्षिक परिषद, प्रबंधन बोर्ड/गवर्नर्स बोर्ड
इत्यासदि और चयन समिति में विजिटर (भारत के राष्ट्रकपति) के नामिती भी
हैं।
इन्हेंन विभिन्न क्षेत्रों की राष्ट्रीगय समितियों जैसे 11वीं
योजना, सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए), राष्ट्री य माध्यंमिक शिक्षा
अभियान (आरएमएसए), राष्ट्री य शिक्षा मिशन सूचना एवं संचार
प्रौद्योगिकियों (एनएमईआईसीटी) यूजीसी विजिटिंग समितियों, राष्ट्री य
मूल्यांवकन एवं प्रत्याियन परिषद् (एनएएसी) दलों, राष्ट्री य शिक्षक
शिक्षा परिषद् की योजना निर्माण के साथ-साथ विजिटिंग दलों,
डीइसी-यूजीसी-एआईसीटीई निरीक्षण दलों आदि में इग्नूर द्वारा नामित
किया गया और आमंत्रित भी किया गया है। इन्होंसने लेखन कार्य करने के
साथ ही बहुत-सी राष्ट्रीाय और राज्या स्त र की शैक्षिक योजना के बारे
में विमर्श और विचार मंथन में भाग लिया है। इन्हेंथ वर्ल्डत बैंक फॉर
रिसर्च स्ट डीज़ जैसी अंतर्राष्ट्री य एजेंसियों के अतिरिक्त विभिन्न
विश्वदविद्यालयों में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में भी आमंत्रित किया
गया।
एक शिक्षाविद् के रूप में, इन्होंवने विभिन्ना पाठ्यक्रमों की
पाठ्यचर्या की योजना बनाई, उन्हेंक डिजाईन व तैयार किया और ये
विभिन्नव केंद्रीय और राज्य् विश्वकविद्यालयों की पाठ्यचर्या डिजाईन
निर्माण समिति के भी सदस्यि रहे हैं। इन्हों्ने इग्नूि के सेवारत
प्रशिक्षु शिक्षकों के लिए ऑडियो कार्यक्रमों की एक श्रृंखला डिजाईन
तथा तैयार भी की है। इन ऑडियो कार्यक्रमों में प्राथमिक शिक्षक शिक्षा
पाठ्यचर्या पूर्णतया शामिल है। ये शिक्षा संकाय, इग्नू के अनुसंधान
डिग्री कार्यक्रम के कार्यक्रम समन्वचयक के रूप में इग्नूै के प्रथम
अनुसंधान डिग्री पाठ्यक्रम तैयार करने में शामिल रहे हैं और
महत्वचपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये कोटा मुक्तक विश्वधविद्यालय
(राजस्थामन) के साथ भी जुड़े थे जहां इन्होंरने विभिन्न पाठ्यक्रमों
को डिजाईन करने तथा तैयार करने में योगदान दिया। इन्हों ने
विश्वंविद्यालय के समाचार पत्र की शुरूआत की तथा अन्यव अनेक
गतिविधियों को आरंभ करने में महत्वंपूर्ण भूमिका निभाई।
डॉ. शर्मा ने हल्ले विश्वनविद्यालय (यूके) से शिक्षा में डॉक्टगरेट
की डिग्री प्राप्त् की जहां ये एक राष्ट्रतमंडल छात्रवृत्ति पर गए थे।
उनके पीएच.डी शोध का शीर्षक 'मल्टीकमीडिया एप्रोचिज़ टू टीचिंग
लिट्रेचर' था। डॉ. शर्मा ने जवाहरलाल नेहरू विश्व विद्यालय से
लैंग्वेीज टीचिंग थ्रू टेलीविज़न विषय पर एम.फिल. किया है। डॉ. शर्मा
दूरस्थ विधा के माध्यगम से शिक्षा प्रदान करने में मीडिया और
प्रौद्योगिकियों के प्रयोग में रुचि रखते हैं और इस क्षेत्र में
इन्होंवने काफी विशेषज्ञता हासिल की है।
विगत कुछ समय से, डॉ. शर्मा दक्षिण एशिया में बेहतर समन्व य और
नेटवर्किंग के विकास पर काम कर रहे हैं जिसका लक्ष्य विभिन्नष
संस्थातओं और व्यरक्तियों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने के लिए तंत्र
विकसित करना है। प्रो. शर्मा को लिनेयस विश्वनविद्यालय (स्वीिडन)
द्वारा भारत में उद्यमिता तथा शिक्षा पर आधार व्या्ख्यांन देने के लिए
आमंत्रित किया गया तथा मार्च-अप्रैल 2014 के दौरान आधे दर्जन अन्य्
नोर्डिक विश्व विद्यालयों भारतीय विश्वगविद्यालयों के साथ शैक्षिक
सहयोग पर व्या ख्या़न देने के लिए आमंत्रित किया गया था।
भारतीय और विदेशी पत्रिकाओं में डॉ. शर्मा के कई लेख प्रकाशित हुए
हैं और उन्हों4ने विभिन्न देशों में सम्मे लनों में आलेख प्रस्तुलत
किए हैं। उन्हें वर्ष 2003-04 के दौरान कोरियाई सरकार द्वारा
छात्रवृत्ति पर सियोल विश्वखविद्यालय से शोध के लिए प्रस्ताउव दिया
गया था।
वे विभिन्नि जर्नलों के संपादन कार्य में लगे हैं जिनमें स्टा फ
एण्डे एजुकेशनल डेवलेपमेंट इंटरनेशनल (एसईडीआई) नई दिल्लीद में
प्रकाशित एक रेफरीड जर्नल का सह-संपादन शामिल है तथा वे इग्नूप द्वारा
प्रकाशित इंडियन जर्नल ऑफ ओपन लर्निंग (आईजेओएल) सहित शिक्षा पर अनेक
पत्रिकाओं के संपादकीय बोर्ड में शामिल हैं। इन्होंंने राज्योंह के
साथ-साथ राष्ट्री य स्तमर की ओडीएल संस्थारओं द्वारा चलाए जा रहे
विभिन्न् पाठ्यक्रमों को संपादित किया है। इन्होंाने एजुसेट तथा
इंटरेक्टिव रेडियो के माध्यकम से व्या्पक व्या।ख्या्न भी दिए हैं।
डॉ. शर्मा विवाहित हैं। उनकी पत्नीए सरिता शर्मा एक सॉफ्टवेयर
इंजीनियर हैं। उनका एक पुत्र है, जिसका नाम पार्थ सारथी शर्मा है
जिन्होंतने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थाॉन बंबई (आईआईटी-बी) से बी.टेक
(मैकनिकल) किया है और वे अब एमआईटी स्लोथआन (यूएसए) से वित्त में
डिग्री मास्टेर्स कर रहे हैं।