नागरिकों का अधिकार-पत्र 

परिचय

  • राष्‍ट्रीय मुक्‍त विद्यालयी शि‍क्षा संस्‍थान (एनआईओएस) की स्‍थापना मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नवंबर, 1989 में एक स्‍वायत्‍त संस्‍था के रूप में की गई। एनआईओएस विश्‍व की सबसे बड़ी मुक्‍त विद्यालयी शिक्षा प्रणाली है। इसे मुक्‍त और दूरस्‍थ शिक्षा के माध्‍यम से पूर्व-स्‍नातक स्‍तर पर शिक्षा जारी रखने के लिए विविध प्रकार के शिक्षार्थियों को शिक्षा प्रदान करने का उत्‍तरदायित्‍व दिया गया है। यह मुक्‍त बेसिक शिक्षा, माध्‍यमिक शिक्षा, उच्‍चतर माध्‍यमिक शिक्षा और मुक्‍त व्‍यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (ओवीर्इटी) कार्यक्रम के माध्‍यम से गुणवत्‍तापूर्ण विद्यालयी शिक्षा और कौशल विकास के लिए सुविधापूर्ण, सार्वभौमिक, चिरस्‍थायी और समावेशी शिक्षा प्रदान करने वाली अग्रणी संस्‍था है। एनआईओएस 23 क्षेत्रीय केंद्रों, 02 उप क्षेत्रीय केंद्रों, 02 एनआईओएस प्रकोष्‍ठों, 7400 से अधिक प्रत्‍यायित संस्‍थाओं (एआई) तथा प्रत्‍यायित व्‍यावसायिक संस्‍थाओं (एवीआई) के एक नेटवर्क के माध्‍यम से कार्य करता है, इन एआई और एवीआई को सामान्‍यत: अध्‍ययन केंद्रों के रूप में जाना जाता है। एनओएस सोसाइटीज रजिस्‍ट्रेशन अधिनियम, 1860 के अंतर्गत पंजीकृत एक स्‍वायत्‍त संगठन है। एनआईओएस का मुख्‍यालय ए-24-25, इन्‍स्‍टीट्यूशलन एरिया, सैक्‍टर-62, नोएडा (उ.प्र.) में है। अध्‍यक्ष, एनआईओएस संगठन के कार्यकारी प्रमुख हैं। एनआईओएस विभि‍न्‍न विभागों द्वारा कार्य करता है। ये विभाग हैं:- शैक्षिक, व्‍यावसायिक शिक्षा, विद्यार्थी सहायता सेवाएँ, मूल्‍यांकन, सक्षमता निर्माण प्रकोष्‍ठ और प्रशासन।

दृष्टि

  • ''गुणवता पूर्ण विद्यालयी शिक्षा तथा कौशल विकास हेतु सुविधापूर्ण, सार्वभौमिक, चिरस्‍थायी और समावेशी शिक्षा'' प्रदान करना।

लक्ष्य

  • मुक्‍त तथा दूरस्‍थ पद्धति द्वारा पूर्व-स्‍नातक स्‍तर तक प्रासंगिक, सतत और सर्वांगीण शिक्षा प्रदान करना।
  • विद्यालयी शिक्षा के सार्वभौमिकीकरण में योगदान।
  • समानता और सामाजिक न्‍याय के लिए प्राथमिक लक्ष्‍य समूहों की शैक्षिक आवश्‍यकताओं को पूरा करना।

दी जा रही सेवाएं

ई-प्रत्‍यायन

  • भारत के विभिन्‍न हिस्‍सों में शिक्षार्थियों तक पहुँचने के लिए, एनआईओएस मान्‍यता प्राप्‍त स्‍कूलों, महाविद्यालयों तथा पंजीकृत सोसायटियों के साथ-साथ तकनीकी संस्‍थाओं और गैर सरकारी संगठनों को भी प्रत्‍यायित करता है।
  • ये प्रत्‍यायित संस्‍थाएं शिक्षार्थियों को मानव संपर्क प्रदान करती हैं। इन्‍हें (एआई) अध्‍ययन केंद्र भी कहा जाता है।
  • ये संस्‍थाएं एनआईओएस वेबसाइट से प्रत्‍यायन के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं और अपने आवेदन फॉर्मों की स्थिति भी जान सकती हैं।
  • माध्‍यमिक और उच्‍च माध्‍यमिक स्‍तर पर शैक्षिक पाठ्यक्रम, व्‍यावसायिक शिक्षा और मुक्‍त बेसिक शिक्षा के पाठ्यक्रम चलाने के लिए प्रत्‍यायन प्रदान किया जा सकता है।
  • शैक्षिक पाठ्यक्रमों के लिए अध्‍ययन केंद्रों को प्रत्‍यायित संस्‍था (एआई), व्‍यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रमों के‍ लिए प्रत्‍यायित व्‍यावसायिक संस्‍थाएं (एवीआई) और मुक्‍त बेसिक शिक्षा (ओबीई) पाठ्यक्रमों को प्रत्‍यायित एजेंसियां (एए) कहा जाता है।

शैक्षिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश

  • विविघ प्रकार के समूहों वाले शिक्षार्थियों की आवश्‍यकताओं की पूर्ति के लिए, एनआईओएस चार स्‍ट्रीमों में वर्ष भर ऑनलाइन प्रवेश देता है। इन चारों स्‍ट्रीमों में प्रवेश परस्‍पर भिन्‍न हैं अर्थात शिक्षार्थी इनमें से केवल एक स्‍ट्रीम ही चुन सकते हैं।

(i)       स्‍ट्रीम 1 में प्रवेश सभी शिक्षार्थियों के लिए वर्ष भर (24X7) ऑनलाइन खुला है:-

प्रथम ब्‍लॉक :16 मार्च से 15 सितम्‍बर

द्वितीय ब्‍लॉक :16 सितंबर से 15 मार्च

ब्‍लॉक - I के शिक्षार्थी अगले वर्ष अप्रैल परीक्षा में बैठ सकते हैं और ब्‍लॉक - II के शिक्षार्थी अगले वर्ष अक्‍तूबर परीक्षा में बैठ सकते हैं।

(ii)       स्‍ट्रीम 2 में प्रवेशउन शिक्षार्थियों के लिए है जो किसी भी मान्‍यता प्राप्‍त बोर्ड से माध्‍यमिक/उच्‍चतर माध्‍यमिक स्‍तर की सार्वजनिक परीक्षा में बैठे किंतु उत्‍तीर्ण नहीं हो सके। इस स्‍ट्रीम में प्रवेश मई और जून के बीच दिया जाता है और योग्‍य शिक्षार्थियों को उसी वर्ष अक्‍तूबर-नवंबर परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाती है।

(iii)   स्‍ट्रीम 3 में प्रवेशउन शिक्षार्थियों के लिए वर्ष भर खुला है जो किसी भी मान्‍यता प्राप्‍त बोर्ड से माध्‍यमिक परीक्षा में बैठे परंतु उत्‍तीर्ण न कर सके और एनआईओएस की जब चाहो तब परीक्षा प्रणाली से केवल माध्‍यमिक स्‍तर की परीक्षा में बैठना चाहते हैं।

(iv)     स्‍ट्रीम 4 में प्रवेशउन शिक्षार्थियों के लिए खुला है जो किसी भी मान्‍यता प्राप्‍त बोर्ड से उच्‍चतर माध्‍यमिक स्‍तर की सार्वजनिक परीक्षा में बैठे किंतु उत्‍तीर्ण नहीं हो सके अथवा वे शिक्षार्थी जो किसी मान्‍यता प्राप्‍त बोर्ड/विश्‍वविद्यालय से उच्‍चतर माध्‍यमिक अथवा उच्‍च परीक्षा उत्‍तीर्ण कर चुके हैं और एक अथवा अधिकतम चार विषयों में प्रवेश लेकर अपनी योग्‍यता बढ़ाना चाहते हैं और केवल उच्‍चतर माध्‍यमिक स्‍तर के‍ लिए एनआईओएस की जब चाहो तब परीक्षा प्रणाली द्वारा परीक्षा देना चाहते हैं।

विभिन्‍न विषयों के पाठ्यक्रम का विवरण विवरणिका में उपलब्‍ध है।

कार्यक्रम तथा गतिविधियाँ

एनआईओएस छ: प्रमुख गतिवि‍धियाँ संचालित करता है। ये गतिविधियां हैं :
  1. मुक्‍त बेसिक शिक्षा स्‍तर पर शैक्षिक शिक्षा प्रदान करना।
  2. माध्‍यमिक तथा उच्‍चतर माध्‍यमिक स्‍तरों पर शैक्षिक शिक्षा प्रदान करना।
  3. शिक्षक शिक्षा (आरटीआई अधिनियम, 2009 द्वारा अप्रशिक्षित प्रारंभिक शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए डी.एल.एड. कार्यक्रम अनिवार्य किया गया) अन्‍य डिप्‍लोमा/ डिग्री पाठ्यक्रम।
  4. व्‍यावसायिक शिक्षा
  5. अनुसंधान तथा प्रशिक्षण
  6. शिक्षार्थी सहायता सेवाएं

शैक्षिक तथा व्‍यावसायिक पाठ्यक्रमों का एकीकरण

इस प्रकार एनआईओएस शैक्षिक तथा व्‍यावसायिक पाठ्यक्रमों को संयोजित करने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे शिक्षार्थी कार्य तथा जीवन के लिए तैयार होते हैं। ऐसे व्‍यावसायिक विषय जो शैक्षिक विषयों के साथ लिए जा सकते हैं, उनकी सूची शैक्षिक विवरणिका में शामिल की गई है।

मुक्‍त बेसिक शिक्षा (ओबीई) कार्यक्रम

यह एक वैकल्पिक शैक्षिक कार्यक्रम है, जो तीन स्‍तरों अर्थात, 'क', 'ख' और 'ग' स्‍तर पर प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करने वाली औपचारिक शिक्षा प्रणाली की प्राथमिक शिक्षा प्रणाली के क्रमश: तीसरी, पांचवी और आठवीं कक्षा के समकक्ष है।

ओबीई कार्यक्रम के लिए जिन लक्ष्‍य समूहों की पहचान की गई है, वे हैं : 

  • बच्‍चे (6-14 वर्ष) - स्‍कूल छोड़ने वाले तथा सर्वशिक्षा अभियान से छूट गए बच्‍चे, विशेष रूप से लड़कियाँ, दरकिनार किए गए समूह तथा विशेष आवश्‍यकता वाले बच्‍चे। 
  • किशोरों तथा प्रौढ़ (14 वर्ष से अधिक आयु के) - स्‍कूल छोड़ने वाले, नव-साक्षरों, प्रौढ़ों, विशेष रूप से महिलाएँ, दरकिनार किए गए समूह तथा पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी और एनएलएमए की बेसिक शिक्षा साक्षरता मूल्‍यांकन के उत्‍तीर्ण शिक्षार्थी।

मुक्‍त बेसिक शिक्षा कार्यक्रम के तीनों स्‍तरों पर एनआईओएस ने हिंदी और अंग्रेजी माध्‍यमों में 14 विषयों में स्‍व अध्‍ययन सामग्री तैयार की है। आईसीटी से परिचित कराने तथा डिजिटल भारत के मिशन को प्राप्‍त करने के लिए पूर्व-व्‍यावसायिक विषय के रूप में बेसिक कम्‍प्‍यूटर कौशल पर एक विषय आरम्‍भ किया गया है।

माध्‍यमिक तथा उच्‍चतर माध्‍यमिक पाठ्यक्रम

माध्‍यमिक के विषय 09 माध्‍यमों अर्थात हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, मराठी, तेलुगू, गुजराती, मलयालम, तमिल और ओडिया माध्‍यमों में उपलब्‍ध हैं। माध्‍यमिक स्‍तर पर 18 भाषा विषय तथा 17 भाषेतर विषय आरम्‍भ किए गए हैं।

उच्‍चतर माध्‍यमिक स्‍तर पर विषय छ: माध्‍यमों अर्थात हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, बांग्‍ला, गुजराती और ओडिया में उपलब्‍ध हैं। उच्‍चतर माध्‍यमिक स्‍तर पर 12 भाषा विषय तथा 28 भाषेतर विषय आरम्‍भ किए गए हैं।

व्‍यावसायिक पाठ्यक्रम

  • व्‍यावसायिक शिक्षा एक राष्‍ट्रीय महत्‍व का विषय है और राष्‍ट्रीय व्‍यावसायिक शिक्षा योग्‍यता प्रणाली (एनवीईक्‍यूएफ) व्‍यवासायिक शिक्षा और प्रशिक्षण की आवश्‍यकता पर जोर देती है।
  • केस अध्‍ययन दर्शाते हैं कि दूरस्‍थ शिक्षा व्‍यावसायिक शिक्षा प्रदान करने का एक महत्‍वपूर्ण माध्‍यम है। यह शिक्षार्थियों को स्‍थानांतरणीय और उच्‍च स्‍तरीय विशिष्‍ट ज्ञान और कौशल प्रदान कर सकती है। एनआईओएस के व्‍यावसायिक पाठ्यक्रम पत्राचार पाठ्यक्रम नहीं हैं। इन पाठ्यक्रमों में अनिवार्य संपर्क के घंटे भी शामिल हैं जो अध्‍ययन केंद्रों में कराए जाते हैं।
  • एनआईओएस मुक्‍त माध्‍यम द्वारा सुनियोजित और भलीभांति क्रियान्वित व्‍यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम के लिए संकल्‍पबद्ध है। परंतु, इन कार्यक्रमों की सफलता भावी मांग और उभरती हुई आवश्‍यकताओं और बाजारों का पूर्वानुमान करने की सक्षमता पर निर्भर करती है।

अक्षम व्‍यक्तियों के समावेशन में वृद्धि

अक्षम व्‍यक्ति एनआईओएस के लिए प्राथमिकता वाले समूहों में से एक है। उनकी शिक्षा को सुविधाजनक बनाने की दिशा में बोलती पुस्‍तकें : डेज़ी की शुरूआत कर सक्रिय कदम उठाए गए। दिव्‍यांगों को शिक्षा प्रदान करने के‍ लिए एनआईओएस ने भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) शब्‍दकोश तैयार किया है। माध्‍यमिक स्‍तर पर छ: विषयों अंग्रेजी, हिंदी, सामाजिक विज्ञान, गृह विज्ञान, चित्रकला, डाटा एंट्री कार्य तथा भारतीय संस्कृति और विरासत की सामग्री सांकेतिक भाषा में तैयार की गई। एनआईओएस सांकेतिक भाषा में शैक्षिक सामग्री प्रदान करने वाला देश में पहला राष्‍ट्रीय बोर्ड है। स्‍वयंप्रभा डीटीएच चैनल न. 30 (ज्ञानामृत) तथा एनआईओएस यू-ट्यूब चैनल के माध्‍यम से सांकेतिक भाषा वीडियो प्रसारित किए जा रहे हैं।

अधिगम रणनीतियां

राष्‍ट्रीयमुक्‍त विद्यालयी शिक्षा संस्‍थान में शिक्षार्थी को स्‍वयं अध्‍ययन करना है अर्थात वह स्‍वयं सीखने वाला/वाली है। यहाँ वह अपनी गति और सुविधा से अध्‍ययन कर सकता/सकती है। अध्‍ययन प्रक्रिया में स्‍व-अध्‍ययन मुद्रित सामग्री पढ़ना, ऑडियो और वीडियो कार्यक्रमों को सुनना और देखना, अध्‍ययन केन्‍द्र में व्‍यक्तिगत संपर्क कार्यक्रमों में उपस्थित होना और शिक्षक अंकित मूल्‍यांकन कार्य करना शामिल हैं जिनका मूल्‍यांकन किया जाता है। एनआईओएस मुख्‍यालय द्वारा पूरी अध्‍ययन सामग्री डिजाइन की जाती है और तैयार करके सीधे शिक्षार्थियों को भेजी जाती है।

  • स्‍व-अध्‍ययन सामग्री (एसएलएम)

शिक्षार्थी को उसके द्वारा दिए गए पते पर डाक द्वारा विभिन्‍न विषयों में विशेष रूप से तैयार मुद्रित अध्‍ययन सामग्री एवं सहायक सामग्री प्रदान की जाती है।

  • व्‍यक्तिगत संपर्क कार्यक्रम (पीसीपी)

एनआईओएस में प्रावधान है कि प्रवेश के प्रथम वर्ष में प्रत्‍यायित संस्‍था (एआई) द्वारा एक परिचय सत्र और सिद्धांत वाले विषयों के लिए प्रति विषय अधिकतम 30 पीसीपी सत्र तथा प्रयोग वाले विषयों में 5 अतिरिक्‍त सत्र आमने-सामने आयोजित किए जाएंगे।

  • श्रव्‍य और दृश्‍य कार्यक्रम

एनआईओएस ने अध्‍ययन में सहायता के लिए शैक्षिक और व्‍यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रमों से संबंधित विभिन्‍न श्रव्‍य और दृश्‍य (एवी) कार्यक्रम तैयार किए हैं।  एनआईओएस ने माध्‍यममिक स्‍तर पर 21 विषयों तथा उच्‍चतर माध्‍यमिक स्‍तर पर 32 विषयों के श्रव्‍य और दृश्‍य कार्यक्रम तैयार किए हैं। एनआईओएस द्वारा सामान्‍य प्रकृति के सामाजिक विषयों पर भी कुछ श्रव्‍य और दृश्‍यकार्यक्रम तैयार किए गए हैं।

  • मुक्‍त विद्या वाणी (वेब ऑडियो स्‍ट्रीमिंग)

मुक्‍त विद्या वाणी पर व्‍यक्तिगत संपर्क कार्यक्रमों को प्रभावपूर्ण बनाने के लिए,  कार्यक्रमों को शिक्षार्थियों के लिए रूचिपूर्ण तथा लाभदायक बनाने हेतु विचार विमर्श, भूमिका निभाना, साक्षात्‍कार, कहानी कहना तथा नाटक जैसी विभिन्न विधियां अपनाई गईं। 45 मिनट के कार्यक्रमों में शैक्षिक और व्‍यावसायिक विषयों दोनों में पाठों के कठिन अंशों, एसाइन्‍मेंट कैसे लिखें, शिक्षार्थियों के लिए गतिविधियाँ, नमूना प्रश्‍न पत्रों तथा पिछले वर्षों के परीक्षा प्रश्‍न पत्रों, तालिकाओं/ ग्राफिकों/ नक्‍शों के आधार पर सिद्धांत तथा प्रायोगिक विषयों पर बातचीत/ चर्चा, अपेक्षित प्रश्‍न उनके समाधान सहित, शिक्षार्थियों द्वारा परीक्षा में की जाने वाली सामान्‍य गलतियाँ, परीक्षाओं के लिए टिप्‍स इत्‍यादि पर चर्चा की जाती रही है। कार्यक्रम के दौरान शिक्षार्थियों द्वारा टॉल फ्री नम्‍बर पर सीधे पूछे गए प्रश्‍नों का उत्‍तर विषय विशेषज्ञों द्वारा तुरंत दिया जाता है।

  • सामुदायिक रेडियो

एनआईओएस ने अपने शिक्षार्थियों के लिए अपने सामुदायिक रेडियो को मुक्‍त विद्या वाणी वेब आधारित ऑडियो स्‍ट्रीमिंग से जोड़ दिया है। एनआईओएस के सामुदायिक रेडियो कार्यक्रम का प्रसारण प्रात: 11.00 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक हो रहा है, इसमें पर्यावरण और प्रदूषण, शिक्षा और इसकी नीतियाँ, राष्‍ट्रीय साक्षरता मिशन, नशीले पदार्थों के सेवन से हानियां, विशेष बच्‍चों के लिए कार्यक्रम जैसे विषयों पर समुदाय के लोगों को शामिल किया गया और महत्‍वपूर्ण दिवस मनाए गए।

  • स्‍वयं और स्‍वयं प्रभा

'स्‍टडी वैब्‍स ऑफ एक्टिव लर्निंग फॉर यंग एस्‍पायरिंग माइन्‍ड्स (SWAYAM) शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया है और शिक्षा नीति के तीन सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण सिद्धांतों अर्थात अभिगम्‍यता, समता और गुणवत्‍ता को प्राप्‍त करने के लिए बनाया गया है। इस प्रयास का उद्देश्‍य मुख्‍य रूप से शिक्षा वंचितों के साथ सभी को सर्वोत्‍तम शिक्षण अधिगम के संसाधन प्रदान करना है। SWAYAM के माध्‍यम से शिक्षार्थियों को माध्‍यमिक स्‍तर पर 14 विषयों, उच्‍च माध्‍यमिक स्‍तर पर 25 विषयों तथा व्‍यावसायिक स्‍तर पर 6 विषयों में मैसिव ओपन ऑनलाइन पाठ्यक्रम (मूक्‍स) कराए जा रहे हैं। 

स्‍वयंप्रभा 32 डीटीएच चैनलों का एक समूह है जो जी-सैट-15 उपग्रह का प्रयोग करते हुए 24X7 आधार पर उच्‍च गुणवत्‍ता वाले शैक्षिक कार्यक्रमों का प्रसारण करता है। प्रतिदिन, इस पर कम से कम 04 घण्‍टे के नए कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं जो एक दिन में 5 बार पुन: प्रसारित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों को देखने के लिए शिक्षार्थी अपनी सुविधानुसार समय चुन सकते हैं।

05 शैक्षिक चैनल एनआईओएस को दिए गए हैं जिनका विवरण निम्‍नानुसार है:

  •  माध्‍यमिक के लिए चैनल नं. 27 'पाणिनी'
  • उच्‍चतर माध्‍यमिक के लिए चैनल नं. 28 'शारदा'
  • सांकेतिक भाषा (दिव्‍यांग शिक्षार्थी) के लिए चैनल नं. 30 'ज्ञानामृत'
  • डी.एल.एड. कार्यक्रम के लिए चैनल नं. 32 'वाग्‍दा'
  • असमिया, बांग्‍ला, तेलुगू और ओडिया क्षेत्रीय माध्‍यमों के‍ लिए चैनल नं. 25 

ई-प्रत्‍यायन

  • भारत के वि‍भिन्‍न भागों में रह रहे शिक्षा‍र्थियों तक पहुँचने के लिए, एनआईओएस मान्‍यता प्राप्‍त स्‍कूलों, पंजीकृत सोसाइटियों, तकनी‍की संस्‍थाओं और एनजीओ को भी ई-प्रत्‍यायन के ऑन-लाइन प्रावधान के माध्‍यम से प्रत्‍यायित करता है।
  • ये प्रत्‍यायित संस्‍थाएं शिक्षार्थियों के लिए मानव संपर्क प्रदान करती हैं। इन एआई को अध्‍ययन केंद्र भी कहा जाता है।                 
  • ये संस्‍थाएं एनआईओएस वेबसाइट पर प्रत्‍यायन के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं और अपने आवेदन फॉर्मों की स्थिति भी जान सकती हैं।
  • माध्‍यमिक और उच्‍च माध्‍यमिक स्‍तर पर शैक्षिक पाठ्यक्रम, व्‍यावसायिक शिक्षा और मुक्‍त बेसिक शिक्षा के पाठ्यक्रम चलाने के लिए प्रत्‍यायन प्रदान किया जा सकता है।
  • शैक्षिक पाठ्यक्रमों के लिए अध्‍ययन केंद्रों को प्रत्‍यायित संस्‍था (एआई), व्‍यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रमों के‍ लिए प्रत्‍यायित व्‍यावसायिक संस्‍थाएं (एवीआई) और मुक्‍त बेसिक शिक्षा (ओबीई) पाठ्यक्रमों को प्रत्‍यायित एजेंसियां (एए) कहा जाता है।

मान्‍यता

  • एनआईओएस का उच्‍चतर माध्‍यमिक प्रमाणपत्र भारतीय विश्‍वविद्यालय संघ और बहुत से विश्‍वविद्यालयों द्वारा उच्‍चतर अध्‍ययन के लिए प्रवेश हेतु मान्‍यता प्राप्‍त है।
  • एनआईओएस प्रमाणपत्र रोजगार के उद्देश्‍य से सरकारी और निजी दोनों प्रकार के नियोक्‍ताओं द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त है।
  • भारतीय भेषजी परिषद् ने एनआईओएस के शिक्षार्थियों को फार्मेसी पाठ्यक्रमों में प्रवेश की अनुमति दी है।

मूल्‍यांकन प्रणाली  

राष्‍ट्रीय मुक्‍त विद्यालयी शिक्षा संस्‍थान की मूल्‍यांकन प्रणाली में कुछ महत्‍वपूर्ण विशेषताएँ हैं। ऐसी ही एक विशेषता, सार्वजनिक परीक्षाओं में संविधान द्वारा अधिसूचित किसी भी क्षेत्रीय भाषा में प्रश्‍नों के उत्‍तर लिखने की स्‍वतंत्रता है, यद्यपि प्रश्‍नपत्र सामान्‍य तौर पर अंग्रेजी और हिंदी या उपलब्‍ध क्षेत्रीय माध्‍यम में ही दिए जाएँगे। एनआईओएस परीक्षा प्रणाली की प्रामाणिकता और स्‍तर को बनाए रखने के कुछ नए प्रयोग कर रहा है। पंजीकृत शिक्षार्थियों के‍ लिए माध्‍यमिक और उच्‍चतर माध्‍य‍मिक स्‍तर पर 'जब चाहो तब परीक्षा प्रणाली' इसी प्रकार का एक महत्‍वपूर्ण नवाचार है।

  • सार्वजनिक परीक्षा

सार्वजनिक परीक्षाएँ वर्ष में दो बार अप्रैल-मई और अक्‍तूबर-नवम्‍बर माह में एनआईओएस द्वारा निश्चित तिथियों पर आयोजित की जाती हैं। व्‍यावसायिक कार्यक्रमों के अलावा शिक्षार्थी केवल उन्‍हीं विषयों की जब चाहो तब परीक्षा में बैठने योग्‍य है जिनमें उसने एनआईओएस में प्रवेश लिया है।

  • जब चाहो तब परीक्षा (ओड्स)

एनआईओएस वर्ष में दो बार सार्वजनिक परीक्षाएँ आयोजित करने के साथ साथ, एनआईओएस मुख्‍यालय, संबंधित केंद्रीय विद्यालय और क्षेत्रीय केन्द्रों से माध्‍यमिक और उच्‍चतर माध्‍यमिक स्‍तर पर 'जब चाहो तब परीक्षा' का आयोजन करता है। शिक्षा‍र्थी ऑनलाइन पंजीकरण करा सकता है और पंजीकृत विषय में परीक्षा में बैठने के‍ लिए तिथि प्राप्‍त कर सकता है। 'जब चाहो तब परीक्षा' शिक्षार्थियों का तनाव दूर करती हैं क्‍योंकि वे जब परीक्षा देने के लिए तैयार हों, तब परीक्षा दे सकते हैं और परीक्षा में बैठने और विषय उत्‍तीर्ण करने के असीमित अवसर प्राप्‍त करते हैं।

  • क्रेडिट संचयन

एनआईओएस द्वारा आयोजित परीक्षा योजना इतनी सुविधापूर्ण है कि शिक्षार्थी पंजीकरण के बाद, प्रवेश के समय से पाँच वर्षों की अवधि में नौ अवसर प्राप्त करते हैं। शिक्षार्थी किसी परीक्षा में एक अथवा अधिक विषयों की परीक्षा में बैठ सकते हैं और पाँच वर्षों की निर्धारित अवधि में प्रमाणपत्र के लिए सभी पांचों विषयों को पूरा करने तक क्रेडिट अर्जित कर सकते हैं।

  • क्रेडिट स्‍थानांतरण (टीओसी)

 एनआईओएस शिक्षार्थियों को मान्‍यताप्राप्‍त शिक्षा बोर्डों से दो विषयों में क्रेडिट स्‍थानांतरण (टीओसी) सुविधा प्रदान करता है।

शिकायत निवारण तंत्र

राष्‍ट्रीय मुक्‍त विद्यालयी शिक्षा संस्‍थान का एक शिकायत निवारण तंत्र है जिसका संचालन मुख्‍यालय के संयुक्‍त निदेशक के स्‍तर के अधिकारी और क्षेत्रीय केंद्र में क्षेत्रीय निदेशक द्वारा किया जाता है जिन्‍हें क्रमश: मुख्‍य शिकायत अधिकारी और शिकायत अधिकारी कहा जाता है। एनआईओएस की गतिविधियों में शामिल जिन व्‍यक्तियों को शिकायत दर्ज करानी है वे शिकायत का पूरा विवरण देते हुए शिकायत के निवारण के लिए निर्धारित अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। वे अपनी शिकायतों के निवारण के लिए मुख्‍य शिकायत अधिकारी/शिकायत अधिकारी से सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को 1600 घंटे से 1700 घंटे तक मिल भी सकते हैं। शिकायत का निवारण 30 दिनों में करने के सभी प्रयास किए जाते हैं। फिर भी, यदि ऐसा प्रतीत होता है कि शिकायत का निवारण होने में तीस दिनों से अधिक समय लगेगा तो एक अन्‍तरिम उत्‍तर भेजा जाएगा।

मुख्‍य शिकायत अधिकारी से संपर्क का विवरण इस प्रकार है:-

उप निदेशक (प्रशासन)

कक्ष सं. - 105

एनआईओएस मुख्‍यालय, ए-24-25, सैक्‍टर-62

नोएडा

जिला - गौतम बुद्ध नगर

उत्‍तर प्रदेश- 201309

फोन नं. 0120-4089830, 0120-4626918

एनआईओएस ने सम्‍पूर्ण कार्यप्रणाली से संबंधित शिकायतों और पूछताछ का ऑनलाइन समाधान शिक्षार्थी सहायता केंद्र (एलएससी) द्वारा करने का प्रयास किया है। एलएससी एक कॉल सेंटर की तरह कार्य करता है।

एलएससी प्रयोगकर्ता अनुकूल, सहज, सुविधाजनक और सक्षम है जिसके लिए शिक्षार्थी टॉल फ्री नम्‍बर 1800-180-9393 पर कॉल कर सकते हैं।

सूचना की प्राप्ति

एनआईओएस सूचना के अधिकार अधिनियम - 2005 में शामिल है और इसको कथित अधिनियम के प्रावधान के अंतर्गत सूचना प्राप्‍त करने की अनुमति दी है। एनआईओएस मुख्‍यालय में पीआईओ और अपीलीय प्राधिकारियों का विवरण नीचे दिया गया है:-


स्‍टेकधारकों की सूची

  • सभी शिक्षा‍र्थी
  • प्रत्‍यायित संस्‍थाएँ जैसे एआई, एवीआई, एए, एसएआईईडी
  • परीक्षा केंद्र
  • राज्‍य मुक्‍त विद्यालय

उत्‍तरदायी केन्‍द्रों की सूची

1.अध्‍ययन केंद्र (एआई,एवीआई,एए,और एसएआईईडी)

अध्‍ययन केंद्र शिक्षार्थियों के लिए मानव संपर्क प्रदान करते हैं। प्रत्‍यायित संस्‍थाएँ शिक्षा कार्यक्रमों के आयोजन में गुणवत्‍ता, विश्‍वसनीयता और सार सुनिश्चित करने के लिए उत्‍तरदयी हैं। 

2. परीक्षा केंद्र

अधिकांशत: अध्‍ययन केंद्र परीक्षा केन्द्रों के रूप में निर्धारित किए जाते हैं। फिर भी, एनआईओएस द्वारा कुछ अन्‍य संस्‍थाओं को भी परीक्षा केंद्र के रूप में निर्धारित किया जाता है। परीक्षा केन्‍द्रों के रूप में निर्धारित सभी स्‍कूल सुचारू प्रबंध के साथ परीक्षा की विश्‍वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए पूर्णत: उत्‍तरदायी होते हैं।

 3.  क्षेत्रीय केंद्र 

एनआईओएस के क्षेत्रीय केंद्र और उप क्षेत्रीय केंद्र देश के विभिन्‍न भागों में स्थित हैं। ये केन्‍द्र एनआईओएस के विज़न और लक्ष्‍य के संचालन के लिए उत्‍तरदायी हैं। अनुसंधान के कार्यक्रम और गतिविधियाँ, ओडीएल कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण और अध्‍ययन केंद्रों में मुक्‍त विद्यालयी शिक्षा कार्यक्रमों के क्रियान्‍वयन की मॉनीटरिंग भी क्षेत्रीय केंद्रों की उत्‍तरदायित्‍वों में शामिल है।

सेवा प्राप्‍तकर्ताओं/स्‍टेकधारकों से विनिर्दिष्‍ट अपेक्षाएँ 

1.     शिकायत आवेदन सभी प्रकार से पूरा करके जमा करें।
2.     नियमानुसार एनआईओएस नियमों और विनियमों का पालन किया जाए।
3.     कृपया शिकायतअधिकारी के कार्यालय और मुख्‍य शिकायत अधिकारी कार्यालय से वरिष्‍ठ शिकायत अधिकारी के साथ शिष्‍ट व्‍यवहार करें।
4.     एनआईओएस के साथ अपने पत्राचार का सदैव उपयुक्‍त रिकॉर्ड रखें।
5.     यदि आपको मुख्‍य शिकायत अधिकारी/शिकायत अधिकारी से मिलने का समय दिया गया है तो, कृपया समय से 15 मिनट पहले पहुंचें।                                                                                           
6.     यदि आप मुलाकात नहीं कर सकते, तो कृपया एक दिन पहले ही इसकी सूचना लिखित में फैक्‍स अथवा ई-मेल द्वारा दें।  

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