मूल्यांकन और आकलन किसी भी शिक्षण अधिगम प्रणाली का एक
महत्वपूर्ण तत्व है। सन् 1990 में भारत सरकार ने एनआईओएस को
पूर्व-स्नातक स्तर तक के शिक्षार्थियों की परीक्षा लेने और उत्तीर्ण
शिक्षार्थियों को प्रमाणपत्र देने का अधिकार दिया है और इस प्रकार
एनआईओएस राष्ट्रीय परीक्षा बोर्डों में एक बोर्ड बना। यह ऐसा अकेला
बोर्ड है जो अप्रैल-मई और अक्तूबर/नवंबर में,
प्रत्येक वर्ष दो बार सार्वजनिक परीक्षाएं आयोजित करता है।
एनआईओएस वर्ष 1991 से सार्वजनिक परीक्षा आयोजित कर रहा
है।
एनआईओएस परीक्षा प्रणाली की अनोखी विशेषताएँ
- एनआईओएस के पास अपनी कोई मूलभूत सुविधाएँ नहीं हैं। यह
सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र द्वारा स्थापित संस्थाओं की मूलभूत
संविधाएं तथा मानव संसाधनों के माध्यम से परीक्षाएँ कराता है और उनके
शैक्षणिक कार्यक्रम को भी बाधित नहीं करता।
- एनआईओएस परीक्षा से संबंधित मामलों में अत्यधिक सुविधाएं
देता है जैसे - (एक ही परीक्षा में सभी विषयों की परीक्षा में बैठने
की बाध्यता नहीं है) शिक्षार्थियों का सुविधानुसार एक अथवा अधिक विषय
में बैठने, उत्तीर्ण विषयों के क्रेडिटों के एकत्र होने, पाँच वर्ष की
अवधि में नौ बार सार्वजनिक परीक्षाओं में बैठने के अवसर, अन्य चुनिंदा
बोर्डों से दो विषय और एनआईओएस से चार विषयों के अंक के स्थानांतरण की
सुविधा।
- शिक्षार्थी परीक्षा में अपने उत्तर भारत की किसी भी
अनुसूचित भाषा में से किसी भाषा में भी लिख सकता है, चाहे उसने वह
माध्यम लिया भी न हो।
- माध्यमिक स्तर पर और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर जब चाहो तब
परीक्षा जिसके माध्यम से शिक्षार्थी अपनी सुविधानुसार कितनी ही बार
परीक्षा में बैठ सकता है।
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान ने अपनी मूल्यांकन
प्रणाली में निम्न विशेषताएँ/प्रवर्तन किए हैं :-
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान की मूल्यांकन
प्रणाली में कुछ निश्चित सुविधाएं हैं जैसे कि अनुसूचित क्षेत्रीय
भाषाओं में से किसी एक भाषा में सार्वजनिक परीक्षा में प्रश्नों के
उत्तर देने की स्वतंत्रता है, यद्यपि प्रश्न पत्र आम तौर पर हिन्दी और
अंग्रेजी में होंगे। सूचना पत्र और प्रमाणपत्र पर शिक्षार्थियों की
तस्वीरें स्कैन की गई हैं। परीक्षा केन्द्रों और परिणाम के बारे में
जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाती है। इसके अलावा, एनआईओएस विश्वसनीयता
और मानकों को बनाए रखने के लिए मूल्यांकन प्रणाली में नवाचार कर रहा
है। माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों के लिए जब
चाहो तब परीक्षा के आधार पर परीक्षा प्रणाली एक ऐसा नवाचार है।
- सार्वजनिक परीक्षा में अनुसूचित क्षेत्रीय भाषाओं में से
किसी भी एक भाषा में प्रश्न का उत्तर देने की स्वतंत्रता है, जबकि
प्रश्न पत्र केवल अँग्रेजी और हिन्दी/उपलब्ध क्षेत्रीय माध्यम में ही
दिया जाएगा।
- शिक्षार्थियों के स्कैन किए गए फोटोग्राफ सहित हॉल टिकट।
- परीक्षा केन्द्रों और परिणामों के बारे में जानकारी
ऑन-लाइन उपलब्ध कराई जाती है।
एनआईओएस केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और इंडियन स्कूल
सर्टिफिकेट परीक्षा (सीआइएससीई) के समान माध्यमिक और उच्च
माध्यमिक परीक्षा के लिए एक राष्ट्रीय बोर्ड है।
अप्रैल - मई और अक्टूबर - नवंबर माह में एनआईओएस द्वारा
निर्धारित तिथियों पर वर्ष में दो बार सार्वजनिक परीक्षाएँ आयोजित की
जाती हैं। फिर भी, आपने माध्यमिक स्तर या उच्चतर माध्यमिक स्तर पर
एनआईओएस में जिन विषयों में प्रवेश लिया है आप केवल उन विषयों में ऑन
डिमांड परीक्षा के माध्यम से भी परीक्षा में बैठने के पात्र हैं।
स्ट्रीम 1 के अंतर्गत एनआईओएस की परीक्षा में बैठने के लिए सार्वजनिक
परीक्षा का पंजीकरण एआई के साथ-साथ ऑनलाइन है, आप परीक्षा फार्म भरकर
और दी गई सूची के अनुरूप वांछनीय परीक्षा शुल्क भरकर अपना पंजीकरण
करें।
1. |
अप्रैल - मई की परीक्षा के लिए
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-
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21 नवंबर से 20 दिसंबर (बिना विलंब शुल्क के) अथवा
अधिसूचनानुसार
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2. |
अप्रैल - मई की परीक्षा के लिए
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-
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21 दिसंबर से 31 दिसंबर तक (रु. 100/- प्रति विषय विलंब शुल्क
सहित) अथवा अधिसूचनानुसार
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3. |
अप्रैल - मई की परीक्षा के लिए
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-
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01 जनवरी से 10 जनवरी तक (रु. 1500/- समेकित विलंब शुल्क सहित)
अथवा अधिसूचनानुसार
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4. |
अक्टूबर - नवंबर की परीक्षा के लिए
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-
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21 मई से 20 जून तक (विलंब शुल्क के बिना) अथवा अधिसूचनानुसार
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5. |
अक्टूबर - नवंबर की परीक्षा के लिए
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-
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21 जून से 30 जून तक (रु. 100/- प्रति विषय विलंब शुल्क सहित) अथवा
अधिसूचनानुसार
|
6. |
अक्टूबर - नवंबर की परीक्षा के लिए
|
-
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01 जुलाई से 10 जुलाई तक (रु. 1500/- समेकित विलंब शुल्क सहित)
अथवा अधिसूचनानुसार
|
उच्चतर माध्यमिक पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले
शिक्षार्थियों को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि उच्चतर माध्यमिक स्तर
पर प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए, माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण
करने के वर्ष से दो वर्ष का अंतर अनिवार्य है। यदि आप दो साल का
अपेक्षित अंतर नहीं रखते हैं, तो आप आगामी अप्रैल - मई परीक्षा और
तत्पश्चात अक्टूबर - नवंबर परीक्षा में केवल चार विषयों में ही
परीक्षा दे सकते हैं। दो वर्ष का अंतर पूरा होने के पश्चात ही आप शेष
विषयों में परीक्षा देने योग्य होंगे। दो वर्ष के अंतर के अभाव में,
आपका परीक्षा शुल्क आपके द्वारा चुने गए प्रथम चार विषयों के लिए
समायोजित कर दिया जाएगा और यदि अन्य विषयों के लिए भुगतान किया गया है
तो शेष शुल्क लौटाया नहीं जाएगा।
- परीक्षा शुल्क एनआईओएस मुख्यालय में स्वीकार नहीं किया
जाएगा।
- आपके एआई रद्द हो जाने या कार्यरत न होने की अवस्था में आप
अपने शुल्क का भुगतान "परिशिष्ट घ" में सूचीबद्ध उस क्षेत्र के
क्षेत्रीय केंद्र को निर्धारित में 'बैंक ड्राफ्ट के साथ स्वयं या डाक
द्वारा भेजें। बैंक ड्राफ्ट "सचिव", राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय
संस्थान, पर आहरित संबंधित क्षेत्रीय केंद्र में देय हो।
- आपके परीक्षा केन्द्र तथा परीक्षा तिथि के बारे में जानने
के लिए परीक्षा प्रारंभ होने से दो सप्ताह पहले अपने एआई से संपर्क
करें या एनआईओएस की वेबसाइट पर लॉग ऑन करें।
- परीक्षा केंद्र का निर्धारण करना एनआईओएस का विशेषाधिकार
है। फिर भी, परीक्षा केन्द्र साधारणतः जिला मुख्यालय, उप - मंडल
मुख्यालय और उपलब्ध एआई के पास उपलब्ध अन्य स्थानों पर ही नियत किए
जाते हैं।
- आपको एनआईओएस द्वारा आबंटित परीक्षा केंद्र में ही परीक्षा
देनी होगी। परीक्षा केन्द्र आबंटन के संबंध में एनआईओएस के निर्णय
अंतिम होगा। एनआईओएस द्वारा आबंटित परीक्षा केंद्र के अलावा यदि आप
किसी दूसरे परीक्षा केंद्र में परीक्षा देते हो तो आपका परिणाम घोषित
नहीं जाएगा और आपका मामला अनुचित साधनों के प्रयोग के अंतर्गत माना
जाएगा।
कृपया, निम्नलिखित जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएँ:
एनआईओएस में परीक्षा प्रणाली के विवरण:
आप पांच वर्षों की अवधि में सार्वजनिक परीक्षाओं में नौ बार बैठने
का अवसर प्राप्त कर सकते है। एनआईओएस वर्ष में दो बार बाह्य
परीक्षाओं का आयोजन करता है। एनआईओएस आपके द्वारा उत्तीर्ण (क्रेडिट)
का विवरण अपने कंप्यूटर में तब तक रखता है जब तक आप एक प्रमाण पत्र के
लिए सभी आवश्यक विषयों में पास नहीं हो जाते। अच्छी तरह से पढ़ने और
बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए परीक्षा की इस सुविधापूर्ण योजना का
लाभ उठाएं।
हालांकि, समय-समय पर विभिन्न पाठ्यक्रमों के पाठ्यचर्या का
संशोधन करना एनआईओएस के लिए आवश्यक है।
यदि एक उच्चतर माध्यमिक का शिक्षार्थी प्रयोगात्मक परीक्षा
में पास हो जाता है लेकिन उस विषय की सिद्धांत परीक्षा में फ़ेल हो
जाता है तो उसकी प्रयोगात्मक परीक्षा में प्राप्त अंक सुरक्षित रहेंगे
और वह सिद्धांत परीक्षा दे सकता है/सकती है। फिर भी यदि वह
प्रयोगात्मक परीक्षा में फिर से बैठता/बैठती है तो दोनों में से बेहतर
परिणाम को उनके परिणाम में शामिल किया जाएगा।
इसी तरह सिद्धांत परीक्षा में पास हो जाने पर लेकिन
प्रयोगात्मक परीक्षा में असफल हो जाने पर सिद्धांत परीक्षा के अंकों
को सुरक्षित रखा जाएगा।लेकिन सिद्धांत और प्रयोगात्मक दोनों परीक्षा
शुल्क का भुगतान करना होगा, भले ही शिक्षार्थी सिद्धांत या व्यावहारिक
परीक्षा में भाग लेना न चाहता हो।
माध्यमिक परीक्षा, सिद्धांत और व्यावहारिक के लिए एक इकाई के
रूप में माना जाता है और शिक्षार्थी को कुल मिलाकर दोनों में पास होना
चाहिए। इसलिए, एक विषय की पुनः परीक्षा देने के लिए शिक्षार्थी को
सिद्धांत और व्यावहारिक दोनों में भाग लेना आवश्यक है।
उच्चतर माध्यमिक स्तर पर प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए
माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के वर्ष से दो वर्ष का अंतराल आवश्यक
है। यदि आप दो साल का अपेक्षित अंतर नहीं रखते हैं, तो आप आगामी
मार्च-मई और तत्पश्चात सितंबर-नवंबर परीक्षाओं में अधिकतम केवल चार
विषयों में परीक्षा दे सकते है। दो वर्षों का अंतराल पूरा होने के
पश्चात ही आप शेष विषयों में परीक्षा देने के पात्र होंगे। यदि दो
वर्ष के अंतराल के अभाव में कोई शिक्षार्थी चार विषयों से अधिक के लिए
आवेदन देता है तो पंजीकरण केवल प्रथम चार विषयों के लिए ही होगा। शेष
विषयों पर विचार नहीं किया जायेगा और उनका शुल्क जब्त कर लिया
जाएगा।
अंकों में सुधार
एनआईओएस आपको पहले से उत्तीर्ण विषय में अंक बेहतर करने के
लिए फिर से आवेदन करने की अनुमति देता है। परंतु यह अनुमति केवल एक
बार ही दी जाएगी।
आपको परिणाम में सुधार के लिए वैसे ही आवेदन और आवश्यक शुल्क
जमा करना होगा जैसे आपने पहली बार परीक्षा में बैठने के लिए आवेदन
किया था। यह मौका प्रवेश के पाँच वर्षों में केवल एक ही बार प्राप्त
किया जा सकता है।
अंकों में सुधार के लिए प्रयोग वाले विषयों में सिद्धांत एवं
प्रयोगात्मक दोनों परीक्षाओं में बैठना होगा।
दोनों परिणामों में से बेहतर को स्वीकार कर अंक तालिका में दर्शाया
जाएगा।
उत्तर पुस्तिकाओं का पुन: मूल्यांकन
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) ने अप्रैल -
मई 2010 की परीक्षा से उच्चतर माध्यमिक स्तर पर पुस्तिकाओं का पुनः
मूल्यांकन शुरू किया है। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के लिए अंकों
की जांच/पुनः गणना की पहले से मौजूद प्रणाली के अलावा होगी।
जिन शिक्षार्थियों ने एनआईओएस की अप्रैल - मई 2010 या उससे
बाद की उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में भाग लिया है वे किसी भी विषय की
सिद्धांत परीक्षा में उत्तर पुस्तिकाओं के पुनः मूल्यांकन के लिए
आवेदन कर सकते हैं। प्रायोगिक परीक्षा में पुनः मूल्यांकन का कोई
प्रावधान नहीं है।
शिक्षार्थी एक आवेदन के माध्यम से एक या एक से अधिक विषयों
के पुनः मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं। दूसरी बार पुनः
मूल्यांकन के लिए अनुरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा। पुन: मूल्यांकन के
लिए आवेदन अपने संबंधित क्षेत्रीय केंद्र पर केवल रजिस्टर्ड
पोस्ट/स्पीड पोस्ट द्वारा ही भेजें।
पुन: मूल्यांकन के लिए प्रोसेसिंग शुल्क 800/- रू. प्रति
विषय (सार्वजनिक परीक्षा के लिए) और ऑन डिमाण्ड परीक्षा के लिए 1000/-
प्रति विषय की दर से सचिव, एनआईओएस के पक्ष में, संबंधित क्षेत्रीय
केंद्र में देय बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से जमा कराएं।
शिक्षार्थियों को पुनः मूल्यांकन हेतु एनआईओएस की
वेबसाइट www.nios.ac.in.
पर परिणाम की घोषणा के 15 दिनों में स्वयं लिखकर आवेदन करें। अधूरे
आवेदन और नियत तिथि के बाद प्राप्त आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा
तथा उन्हें बिना किसी सूचना के रद्द कर दिया जाएगा।
शिक्षार्थी को पुनः मूल्यांकन परिणाम से संबन्धित सूचना,
आवेदन की प्राप्ति की तिथि से 60 दिनों की अवधि के भीतर शिक्षार्थी को
भेज दी जाएंगी। यह सूचना एनआईओएस की वेबसाइट पर भी दी
जाएगी।
माध्यमिक परीक्षा में पुनः मूल्यांकन का प्रावधान नहीं
है
उच्चतर माध्यमिक स्तर पर उत्तर पुस्तिकाओं के पुनः
मूल्यांकन हेतु नियम
- जिस शिक्षार्थी ने एनआईओएस की उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में भाग
लिया है वह किसी भी विषय के सिद्धांत पेपर में उत्तर पुस्तिकाओं के
पुनः मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकता/सकती है। पुन: मूल्यांकन के लिए
आवेदन निर्धारित प्रोफ़ार्मा में भरकर और इसे संबंधित क्षेत्रीय केंद्र
को केवल पंजीकृत डाक/स्पीड पोस्ट द्वारा भेजें।
- प्रयोगात्मक परीक्षाओं के पुनः मूल्यांकन के लिए कोई प्रावधान
नहीं है।
- शिक्षार्थी पुनः मूल्यांकन के लिए एनआईओएस की वेबसाइट
www.nios.ac.in पर परिणाम की घोषणा होने की तिथि से 15 दिनों के भीतर
आवेदन करें। उत्तर पूर्व, जम्मू एवं कश्मीर, सिक्किम, अंडमान और
निकोबार द्वीप, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के लाहौल एवं स्पीति जिले, चंबा
के उप-मण्डल पांगी, लक्षद्वीप और विदेशों के अध्ययन केंद्र (एआई) के
शिक्षार्थियों को 10 दिन की छूट दी जाएगी।
- शिक्षार्थी को एक या अधिक विषयों के पुनः मूल्यांकन के लिए एक
आवेदन द्वारा ही आवेदन करना चाहिए। एनआईओएस पुन: मूल्यांकन के लिए
दूसरी बार किए गए अनुरोध स्वीकार नहीं करेगा।
- पुन: मूल्यांकन के लिए प्रक्रिया शुल्क 800/- रु.प्रति विषय
(सार्वजनिक परीक्षा के लिए) और 1000/- रू. प्रति विषय (जब चाहो तब
परीक्षा के लिए)। सचिव, एनआईओएस के पक्ष में, संबंधित क्षेत्रीय
केंद्र में देय बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से जमा कराएं।
- आवेदन शिक्षार्थी की अपनी लिखावट में होना चाहिए न कि शिक्षार्थी
की ओर से किसी और की लिखावट में। अधूरे और निर्धारित तिथि के बाद
प्राप्त आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा और बिना किसी भी सूचना के
तुरंत रद्द कर दिया जाएगा।
- यदि पुन: मूल्यांकन में अधिकतम अंकों से शिक्षार्थी के पहले
के अंक ही मान्य होंगे परंतु यदि 5% अंक से कम अंकों की वृद्धि है तो
शिक्षार्थी सहायतार्थ अंकों के साथ अथवा उत्तीर्ण होने में सक्षम है
तो उसे पुनः मूल्यांकन के अंक प्रदान किए जाएंगे।
- यदि पुनः मूल्यांकन में अधिकतम अंकों से 5% या इससे अधिक अंकों की
वृद्धि होती है तो शिक्षार्थी को नवीन अंक प्रदान किए जाएंगे।
- यदि पुनः मूल्यांकन अंक वास्तविक अंकों से कम आते हैं तो
वास्तविक अंक ही मान्य होंगे।
- शिक्षार्थी को पुनः मूल्यांकन परिणाम से संबन्धित सूचना आवेदन की
प्राप्ति की तिथि से अधिकतम 60 दिनों की अवधि में भेज दी जाएगी। यह
एनआईओएस की वेबसाइट "www.nios.ac.in" पर भी पोस्ट किया जाएगा।
- एनआईओएस जहां कहीं लागू होगा पुरानी अंक-तालिका में संशोधन
करेगा। संबंधित क्षेत्रीय केंद्र में शिक्षार्थी द्वारा पुरानी
अंक-तालिका जमा कर देने पर नवीन अंक-तालिका प्रदान की जाएगी।
- किसी भी दशा में शिक्षार्थी के सामने या उसकी ओर से किसी
अन्य के सामने पुनः मूल्यांकन नहीं किया जाएगा, और न ही उत्तर
पुस्तिकाएं दिखाई जाएंगी।
- संबंधित क्षेत्रीय केंद्र पुरानी अंक तालिका वापिस लेने के
बाद ही नई अंक तालिका जारी करेगा
- पुनः मूल्यांकन का संशोधित परिणाम शिक्षार्थी के लिए अंतिम
और बाध्य होगा। इस संबंध में पुनः मूल्यांकन के लिए अन्य कोई अनुरोध
स्वीकार नहीं करेगा।
- एनआईओएस किसी भी हानि या नुकसान या शिक्षार्थी की किसी भी
असुविधा, अंकों के पुनरावलोकन के अनुवर्ती अथवा नियंत्रण से परे कारण,
सम्प्रेषण में देरी के लिए एनआईओएस जिम्मेदार नहीं होगा।
- ये नियम, यदि पुनः मूल्यांकन के लिए कोई नियम है तो उनका
अधिक्रमण करेंगे।
- इन नियमों कि व्याख्या के बारे में कोई संदेह अथवा यहाँ कोई
मामला उपलब्ध न कराएं जाने की दशा में अध्यक्ष का निर्णय अंतिम और
बाध्य होगा।
सार्वजनिक परीक्षा के लिए उत्तर पुस्तिकाओं के पुनः
मूल्यांकन हेतु आवेदन फॉर्म। (18केबी)
जब चाहो तब परीक्षा प्रणाली के लिए उत्तर
पुस्तिकों के पुन:मूल्यांकन के लिए आवेदन फॉर्म
परिणाम की घोषणा होने पर आप अपने एआई के माध्यम से अंक तालिका
प्राप्त करेंगे। सफल शिक्षार्थियों को अनंतिम और माइग्रेशन प्रमाणपत्र
जारी किया जाएगा। परिणाम की घोषणा के लगभग छह महीने बाद उत्तीर्ण
प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
एनआईओएस अपने शिक्षार्थियों को कोई स्थानांतरण/जन्म
प्रमाणपत्र/चरित्र प्रमाणपत्र/जन्म तिथि प्रमाणपत्र अलग से जारी नहीं
करता है।
यदि आप अतिरिक्त विषयों में उत्तीर्ण होते हैं अथवा एक या एक
से अधिक विषयों में अंक सुधार करने के मामले में उत्तीर्ण होते हैं तो
अलग से प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा, आपको केवल एक अंकतालिका
जारी की जाएगी।
जब तक शिक्षार्थी अपना पाठ्यक्रम पूर्ण नहीं कर लेते, उन्हें
कोई माइग्रेशन प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जाएगा।
एनआईओएस आपके अच्छे परिणाम लाने पर ज़ोर देता है। प्रत्येक
विषय आपके लिए समान रूप से कठिन नहीं होता। कुछ विषय आप छह महीने में
बहुत अच्छी तरह समझ सकते हैं, वहीं पर कुछ के लिए एक वर्ष से ज्यादा
समय की आवश्यकता होती है। इसे ध्यान में रखते हुए, एनआईओएस आपको दो
विषयों में भाग लेने की अनुमति देता है। ताकि आप परीक्षा में अच्छा
करने का विश्वास बना सकें। अगली परीक्षा में आप कुछ और विषय में अच्छा
कर सकते हैं। लेकिन प्रत्येक विषय अच्छा करें। जैसे ही आप विषयों में
आवश्यक अंक प्राप्त कर लेंगे आपको आपका प्रमाण पत्र मिल जाएगा।
सामूहिक नकल के तहत दर्ज परीक्षा केन्द्रों के विरूद्ध
निम्नलिखित दंड लगाए जाते हैं -:
परीक्षा शुल्क सभी के लिए देय है। यह माध्यमिक और उच्च माध्यमिक
दोनों पाठ्यक्रमों के लिए जैसा कि नीचे तालिका में दिया गया है -:
परीक्षा के लिए अदा/भुगतान किया गया किसी भी परिस्थिति में वापस या
समायोजित नहीं किया जाएगा।