एनआईओएस क्या है ?
एनआईओएस एक 'मुक्त विद्यालय' है जो पूर्व-स्नातक स्तर तक के
विभिन्न प्रकार के शिक्षार्थियों को शिक्षा प्रदान करता है। 1979 में
इसे केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा एक परियोजना के
रूप में चलाया गया था जिसमें कुछ अंतनिर्हित सुविधाएँ दी गई थीं। 1986
में राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा यह सुझाव दिया गया कि देश भर में
माध्यमिक स्तर पर एक अवस्थाबद्व रूप में मुक्त शिक्षा की सुविधाएँ
प्रदान करने के लिए मुक्त विद्यालय प्रणाली को एक स्वतंत्र प्रणाली के
रूप में सशक्त किया जाए जिसमें इसकी अपनी पाठ्यचर्या हो और परीक्षा हो
जिसमें उत्तीर्ण होने पर प्रमाणपत्र दिया जाए।
परिणामस्वरूप, मानव संसाधन विकास मंत्रालय (मा.सं.वि.मं.), भारत
सरकार ने नवंबर 1989 में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय (रा.मु.वि) की
स्थापना की। के.मा.शि.बो. की परियोजना को रा.मु.वि. में मिला दिया
गया। एक संकल्प (स.एफ. 5 24/90 अनु.-3 दिनांक 14 सितंबर 1990 जिसका
प्रकाशन 20 अक्टूबर 1990 के
भारतीय राजपत्र में हुआ) द्वारा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय
(रा.मु.वि.) को पूर्व-स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में पंजीकरण करने,
पंजीकृत शिक्षार्थियों की परीक्षा लेने और उत्तीर्ण शिक्षार्थियों को
प्रमाण पत्र देने का अधिकार दिया गया। जुलाई, 2002 में मानव संसाधन
विकास मंत्रालय द्वारा संगठन का नाम राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय से
बदलकर राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान किया गया । इसका
उद्देश्य औपचारिक प्रणाली के विकल्प के रूप में मुक्त शिक्षा प्रणाली
द्वारा प्राथमिकता प्राप्त शिक्षार्थी समूहों को पूर्व-स्नातक स्तर की
शिक्षा प्रदान करना है जो मानक राष्ट्रीय नीति दस्तावेज़ों के अनुरूप
हो और लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति करती हो और इसके द्वारा वह
निम्नलिखित उद्देश्यों में योगदान दे सके -:
- शिक्षा के सार्वभौमिकीकरण में ।
- समाज में बेहतर समता और न्याय लाने के लिए और
- एक शिक्षित समाज के निर्माण के लिए।
एनआईओएस क्या कार्य करता है ?
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान (एनआईओएस) इच्छुक शिक्षार्थियों
को मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा (ओडीएल) विधा द्वारा अध्ययन के निम्नलिखित
पाठ्यक्रम/कार्यक्रम उपलब्ध कराता है -:
- 14 + आयु समूह के बच्चों किशोरों और प्रौढ़ों के लिए मुक्त बेसिक
शिक्षा (ओबीई) कार्यक्रम जिसके, बी और सी स्तर औपचारिक स्कूली शिक्षा
को तीसरी पांचवी और आठवीं के समकक्ष हैं ।
- माध्यमिक शिक्षा पाठ्यक्रम
- उच्चतर माध्यमिक शिक्षा पाठ्यक्रम
- व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम/कार्यक्रम
- जीवन समृद्धि पाठ्यक्रम
यह बच्चों, नव-साक्षरों, बीच में ही स्कूल
छोड़ने वाले/छूट चुके और एनएफई पूरा करने वालों के लिए स्तरीकृत
पाठ्यचर्या पर आधारित एक सतत~ शिक्षा प्रदान करता है।
ओबीई कार्यक्रम लागू करने के लिए, एनआईओएस ने 853 एजेंसियों के साथ
सहभागिता की है जो अपने अध्ययन केन्द्रों पर सुविधा प्रदान करती
हैं।यह सहभागी एजेंसियों के साथ शैक्षिक सहायता संबंध की तरह हैं।
एनआईओएस/ओबीई कार्यक्रम को लागू करने के लिए एनआईओएस है स्वयंसेवी
संस्थाओं और जिला साक्षरता समितियों आदि को संसाधनों की सहायता (जैसे
एनआईओएस आदर्श पाठ्यचर्या, अध्ययन सामग्री, संयुक्त प्रमाणन,
विशेषज्ञों का अभिविन्यास और ओबीई का प्रसार) प्रदान करता है।
माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तरों पर एनआईओएस
विषयों, पाठ्यक्रमों के चयन, पढ़ाई की गति, के.मा.शि.बो., स्कूल
शिक्षा के कुछ अन्य बोर्डों और राज्य मुक्त विद्यालयों से क्रेडिटों
से स्थानांतरण द्वारा सुविधाएँ प्रदान करता है। शिक्षार्थी को पाँच
वर्ष की अवधि में अधिकतम नौ बार परीक्षा देने की सुविधा दी गई है। जब
तक शिक्षार्थी प्रमाणपत्र के लिए आवश्यक विषयों में उत्तीर्ण नहीं
होता, तब तक उसके क्रेडिट एकत्र होते रहते हैं। अध्ययन की रणनीतियों
में स्व-अध्ययन सामग्री द्वारा पढ़ाई, श्रव्य और दृश्य कार्यक्रम,
व्यक्तिगत संपर्क कार्यक्रम (पीसीपी), और अनुशिक्षक द्वारा अंकित
मूल्यांकन कार्य (टीएमए) में भाग लेना शामिल है। अर्ध-वार्षिक पत्रिका
"मुक्त शिक्षा''द्वारा भी शिक्षार्थियों का ज्ञान बढ़ाया जाता है।
अध्ययन सामग्री अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू माध्यमों में उपलब्ध कराई
जाती है। माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर जब चाहो तब परीक्षा
प्रणाली (ओड्स) चलाया जा रहा है। एनआईओएस आठ माध्यमों (हिंदी,
अंग्रेजी, उर्दू, मराठी, तेलुगू, गुजराती, मलयालम और Odia) में 28
विषयों में माध्यमिक परीक्षाएँ और हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली,Odia और
उर्दू माध्यमों में विषयों में उच्चतर माध्यमिक स्तर पर 28 विषयों में
और 20 व्यावसायिक विषयों को शैक्षिक विषयों के संयोजन में चलाने का
प्रावधान भी रखता है।
इस तथ्य को समझते हुए कि युवा उद्यमी राष्ट्रीय की संपत्ति हैं,
एनआईओएस के शिक्षार्थी अनुकूल व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम
शिक्षार्थियों के लिए श्रेष्ठतम संभावनाएँ प्रदान करते हैं। यह
विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, व्यापार और वाणिज्य, इंजीनियरिंग और
प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और पराचिकित्सा, गृहविज्ञान और आतिथ्य
प्रबंधन, शिक्षक प्रशिक्षण, कंप्यूटर और आई टी संबंधी क्षेत्र, जीवन
समृद्धि कार्यक्रम और सामान्य सेवाओं जैसे विभिन्न क्षेत्रों में 86
व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम चलाता है। ज्ञान, कौशल और उद्यमशीलता की
विशिष्टताएँ व्यावसायिक शिक्षा के लिए पाठ्यचर्चा अनिवार्य तत्व हैं
जिसमें संबंधित औद्योगिक इकाईयों में सेवाकालीन प्रशिक्षण पर जोर दिया
जाता है।
मुक्त व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम की उन्नति और उसे सशक्त मंच
प्रदान करने के लिए एनआईओएस विभिन्न शैक्षिक विकास क्षेत्रों जैसे
उद्योगों, दवाओं, आईटी आदि के प्रमुख संगठनों के साथ सहयोग का प्रयास
कर रहा है।
राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा संरचना (एनसीएफ-2005) के सभी प्रावधानों के
अंतर्गत एनआईओएस ने एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ तैयार किया है जिसका
शीर्षक है "व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण, ज्ञान ग्रहण और कौशल
विकास पर विशेष महत्व के साथ पाठ्यचर्या प्रावधानों की एक रूपरेखा:
मुक्त और दूरस्थ शिक्षा द्वारा एक प्रयास'' यह आशा की जाती है कि यह
दस्तावेज़ ओडीएल द्वारा व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रमों के क्रियान्वयन
के लिए एक सुविचारित कार्यवाई कार्यक्रम तैयार करने के लिए यह उपयोगी
सिद्ध होगा। एनआईओएस कार्यक्रम प्रथम पीढ़ी के शिक्षार्थियों,
शारीरिक, मानसिक दृष्टि संबंधी अक्षमताओं वाले शिक्षार्थियों और समाज
के सुविधा वंचित वर्गों के शिक्षार्थियों की आवश्यकताओं पर विशेष
ध्यान देता है।
एनआईओएस कैसे कार्य करता है ?
एनआईओएस पाँच विभागों, क्षेत्रीय केन्द्रों और देश और विदेश में
फैले प्रत्यायित संस्थाओं (अध्ययन केन्द्रों) द्वारा कार्य करता है।
माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर पर इसका वर्तमान नामांकन 2.71
मिलियन शिक्षार्थियों का है जिससे यह विश्व की मुक्त विद्यालयी शिक्षा
प्रणाली बन गया है।